क्या आप जानना चाहते हैं कि खेल द्वारा बच्चों का सर्वांगीण विकास कैसे होता है।

क्या आप जानना चाहते हैं कि खेल द्वारा बच्चों का सर्वांगीण विकास (All-round development of children through sports) कैसे होता है।


🙏नमस्कार मित्रों🙏

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आज हम आपको खेल द्वारा बच्चों का सर्वांगीण विकास (All-round development of children through sports) किस प्रकार होता है के बारे में बताने जा रहे हैं। इसमें आपको मानसिक खेलों के बारे में ही जानकारी मिलेगी। इसके लिए इस पोस्ट को ध्यानपूर्वक पूरा पढ़िये।



जैसा कि आप और हम सभी लोग इस बात से भली-भांति परिचित हैं कि विभिन्न प्रकार के शारीरिक खेल 💪 शरीर को मजबूत और चुस्त-दुरुस्त बनाने व मानसिक खेल मनुष्य के 👼दिमाग को तेज व तनाव मुक्त करने के लिए प्राचीन काल से ही खेलें जा रहे हैं, जिनमें से कुछ निम्न हैं-
  • चौपड़ 🎲
  • दौड़ 🏇
  • तीरंदाजी 🏹
  • पहलवानों की लड़ाई🎎
  • तलवार वाजी ⚔⚔⚔
  • पोलो ⛳🏌
  • साँडों की लड़ाई 🐂
  • अन्य 🕳
इन सभी बातों से स्पष्ट है कि प्राचीन काल से ही भारत और विश्व में खेलों को बहुत ही महत्व दिया जाता है। वर्तमान समय में भी खेल-खेले जाते हैं,

क्या आप जानना चाहते हैं कि छोटे-छोटे बच्चों को किस तरह के खेल-खलने चाहिए और उनके माता-पिता को उन बच्चों को किस तरह के खेल-खेलने के लिए प्रेरित(Motivate) करना चाहिए तो आप इस पोस्ट को आखिर तक पढें।

यहाँ हमारा खेलों से आशय उन खेलों से नहीं है, कि आप अपने बच्चे को किसी खेल की प्रतियोगिता में जिताने के लिए तैयार करें। बल्कि हम जो खेल आपको बता रहे हैं, उन खेलों से आपके छोटे-छोटे बच्चों का सर्वांगीण विकास (All-round devlopment) होगा।
इन खेलों में किसी नियम की आवश्यकता नहीं होती है,और इनके परिणाम भी देरी से दिखते हैं, लेकिन ये परिणाम आपको अचम्भित कर देने वाले निकलते हैं, जो कि जब बालक बढ़ता जाता है वैसे-वैसे यह परिणाम दिखने लगते हैं। तो ये खेल (Game)निम्न है:-

😇👉मानशिक विकास के खेल(Games of mental development)👈😇


(1) वस्तुओं को मुँह में रखना(Put things in the mouth) :

अकसर हम सबके द्वारा देखा जाता है कि छोटे-छोटे बच्चे अपने आप-पास की विभिन्न प्रकार की वस्तुओं को मुँह में रखते है। और उन्हें चखते हैं।
खेल-बच्चों-सर्वांगीण-विकास

खेल द्वारा बच्चों का सर्वांगीण विकास(All-round development of children through sports)



क्या आप जानते हैं,
कि बच्चे ऐसा क्यों करते हैं ????????????

तो चलिए हम आपको बताते हैं कि बच्चे ऐसा क्यों करते हैं….
प्रारम्भ में बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास(Physical and mental devlopment) बहुत ही तीव्र गति से होता है। और बालक की पाँचों ज्ञानेन्द्रियाँ(Five senses) :

  1. त्वचा(Skin) ✋: त्वचा के द्वारा बच्चा किसी वस्तु को छूकर स्पर्श करके ज्ञान प्राप्त करता है।

  1. आँख(Eye) 👀 : आँखों के द्वारा कोई भी बच्चा देख कर ज्ञान प्राप्त करता है।

  1. नाक(Nose) 👃: नाक के द्वारा बच्चें किसी भी प्रकार की गंन्ध को सूँघकर ज्ञान प्राप्त करता है।

  1. कान(Ear) 👂 : कानों के प्रयोग से बालक कोई भी आवाज सुनकर किसी भी बारे में जानकारी प्राप्त करता है।

  1. जीभ(Tongue)👅 : जीभ के द्वारा बालक कोई भी वस्तु को चखकर स्वाद लेकर उसके बारे में जानता है।


जब कोई भी बच्चा अपने मुँह में कोई भी वस्तु रखता है तो उसे यह ज्ञात नहीं होता है कि वह वस्तु क्या है? उस बालक के मन में उस वस्तु के विषय में विभिन्न तरह के प्रश्न? उठते हैं। कि-
यह क्या है?

जब बालक उस वस्तु को चखता है तो इस समय बालक की ज्ञानेंद्रि जीभ(Tongue) 👅 कार्य कर रही होती है, इस प्रकार उसे किसी वस्तु का स्वाद के अच्छे-बुरे का मालूम होता है। कौनसी खाने योग्य है और कौनसी खाने के अयोग्य।

इस प्रकार उस बच्चे में जिज्ञासा की प्रवृत्ति(Curiosity) 🙇 उत्पन्न होती है, जो कि उसे भविष्य में चलकर उसमें किसी भी बात को गहराई से पूर्ण मर्म के साथ समझने व उस बालक में वैज्ञानिक दृष्टिकोण (scientific approach) 🗜🔩⚒🛠🔫📊📐💼का विकास करने में सहायक होते हैं। इस प्रकार उसका मानसिक विकास(Mental devlopment)💡💡💡 होता है।

कोई भी बालक जब जिज्ञासु प्रवति का होता है, तो वह हम किसी भी समस्या को हल(Solve the problem) 🤗  करने की एक विशेष प्रकार की ललक उत्पन्न हो जाती है। और उसमें सही और गलत को परखने का एक नजरिया विकसित हो जाता है और वह ज़िन्दगी भर जीवन में हमेशा खुश रहता है।

(2) वस्तुओं को तोड़ना(Breaking objects):

अक्सर जब भी किसी बालक को को कोई भी खिलौना खेलने के लिए दिया जाता है, तो वह बालक उस खिलौने को मुँह में रखकर खेलता है, या फिर वह उस खिलौने(Toys) को उठा पटक कर तोड़ता है, और उन टूट चुके खिलौनों से खेलता है।
जब बालक खिलौना 🐩🚎🎨 तोड़ता है तो उसके माता-पिता उस बालक को डांट देते हैं या उससे खिलौना छीन लेते हैं। जबकि बालक के माता-पिता को ऐंसा कुछ बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि जब बच्चे को डाँटा जाता है तो उस बच्चे में हीनता की भावना(Inferiority complex)😒, क्रोध(Anger=)😤, मनमुटाव(Bad blood)😕, भय(Fear)😓, आदि अन्य गलत भावनाएं जाग्रत(Waking up) होती हैं।
खेल-बच्चों-सर्वांगीण-विकास

खेल द्वारा बच्चों का सर्वांगीण विकास(All-round development of children through sports)



जो कि उस बालक को आगे चलकर उसके भविष्य के लिए उसकी प्रगति में एक पहाड़ रूपी बाधा के रूप में दिखती है।

तो अब बात आती है कि जब कोई बालक किसी खिलौने 🚕🚓को तोड़ता है, तो उस बालक के मन में क्या-क्या चल रहा होता है। इस समय वह बालक खिलौनों को तोड़ कर अपने भविष्य में एक रचनात्मक व्यक्तित्व (Creative personality)⌛🔬🔭🔎⏳ रखने वाला दृष्टिकोण (point of view) विकसित कर रहा होता है। इस प्रकार के क्रियाकलापों से बालक में सृजनात्मकता (Creativity) विकास तीव्र गति से होता है। जिससे बच्चे के मस्तिष्क (Mind) का बाद में उसके व्यक्तित्व (personality)पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है।

इसी प्रकार की बच्चों के विकास (Children's development) से जुड़ी हुई टिप्स इस ब्लॉग पर आकर पढ़ते रहिएगा।और अपने बच्चों की परवरिश (Upbringing) ध्यानपूर्वक बिना किसी गलत भावना सिखये करते रहिएगा ताकि आपका बालक भी भविष्य में सुखमय जीवन(Happy life) यापन करे और अन्य लोगों की भी सहायता करे।


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